अडानी 100 अरब डॉलर क्लब से बाहर, अंबानी टॉप-10 में भी नहीं

अडानी 100 अरब डॉलर क्लब से बाहर, अंबानी टॉप-10 में भी नहीं

अडानी 100 अरब डॉलर क्लब से बाहर

हाल ही में भारतीय शेयर बाजारों में आई भारी गिरावट ने अरबपतियों की रैंकिंग पर असर डाला है। गौतम अडानी अब 100 अरब डॉलर क्लब से बाहर हो गए हैं। उनकी वर्तमान नेट वर्थ लगभग 99.5 अरब डॉलर रह गई है, जिसके परिणामस्वरूप वह ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स में 18वें स्थान पर पहुंच गए हैं।

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वहीं, मुकेश अंबानी की संपत्ति भी घटकर 105 अरब डॉलर हो गई है। पिछले पांच सत्रों में रिलायंस के शेयरों में 7% से अधिक की गिरावट के कारण अंबानी भी ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स में 14वें स्थान पर आ गए हैं।

इस हालात का मुख्य कारण बाजार में व्याप्त अस्थिरता और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियाँ हैं, जो अरबपतियों की रैंकिंग को प्रभावित कर रही हैं। वर्तमान में, यह स्थिति निवेशकों और व्यवसायों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।

भारतीय शेयर मार्केट्स में पिछले पांच सत्रों में भारी गिरावट दर्ज की गई है.

जिससे गौतम अडानी अब 100 अरब डॉलर क्लब से बाहर हो गए हैं.

अडानी 100 अरब डॉलर क्लब से बाहर

अडानी की नेट वर्थ अब लगभग 99.5 अरब डॉलर है, जिससे वह ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स में 18वें स्थान पर पहुंच गए हैं.

मुकेश अंबानी की संपत्ति भी कम होकर 105 अरब डॉलर रह गई है.

अंबानी की संपत्ति में गिरावट का कारण रिलायंस के शेयरों में पिछले पांच सत्रों में 7% से अधिक की गिरावट है.

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अडानी 100 अरब डॉलर क्लब से बाहर

इस गिरावट के कारण अंबानी ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स में 14वें स्थान पर पहुंच गए हैं.

यह स्थिति मार्केट्स में व्यापक अस्थिरता और वैश्विक आर्थिक हालात को दर्शाती है, जो अरबपतियों की रैंकिंग को प्रभावित कर रही है.

अडानी 100 अरब डॉलर क्लब से बाहर

हाल ही में भारतीय शेयर बाजारों में आई भारी गिरावट ने गौतम अडानी को 100 अरब डॉलर क्लब से बाहर कर दिया है। उनकी नेट वर्थ अब लगभग 99.5 अरब डॉलर रह गई है, जिससे वे ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स में 18वें स्थान पर पहुँच गए हैं।

यह गिरावट अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में लगातार कमी के कारण हुई है। पिछले कुछ सत्रों में बाजार में अस्थिरता और वैश्विक आर्थिक चुनौतियों ने निवेशकों के विश्वास को प्रभावित किया है।

इस स्थिति ने अडानी के वित्तीय स्थिति को चुनौती में डाल दिया है, जो उनके लिए और उनके समूह के लिए गंभीर संकेत हैं। वर्तमान में, अडानी की स्थिति भारतीय उद्योग में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुकी है, जिससे उनके भविष्य के निवेश और विकास योजनाओं पर असर पड़ सकता है।