भिखारियों की लग्जरी लाइफ! राजस्थान से आकर इंदौर में कैसे चमकी किस्मत?

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भिखारियों की लग्जरी लाइफ! राजस्थान से आकर इंदौर में कैसे चमकी किस्मत?

मध्य प्रदेश के इंदौर में पुलिस ने भिखारियों के ऐसे गुट को पकड़ा जो कि राजस्थान से यहां आया था. 22 लोगों का यह समूह दिनभर शहर में भीख मांगता और रात को होटल में आराम फरामाता.

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दिन में भीख रात को होटल में स्टे

पुलिस को जानकारी मिली थी कि राजस्थान से 22 लोगों का एक ग्रुप भीख मांगने इंदौर आया है. सभी लोग एक होटल में ठहरे थे.

22 लोगों का समूह

इस समूह में 11 नाबालिग बच्चे और 11 महिलाएं शामिल थीं. ये लोग दिन भर शहर के अलग-अलग स्थानों पर भीख मांगते और रात में होटल में आकर सो जाते.

11 बच्चे 11 महिलाएं

इस समूह के लोगों को समझा-बुझाकर राजस्थान में उनके मूल निवास स्थान भेज दिया गया है.

राजस्थान भेजा वापस

साथ ही  शहर के सभी होटलों और लॉज के संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे भीख मांगने वाले लोगों को कतई न ठहरने दें. वरना उनके खिलाफ कानूनी कदम उठाए जाएंगे.

होटल वालों को वार्निंग

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने इंदौर समेत देश के 10 शहरों को भिक्षावृत्ति से मुक्त बनाने के लिए प्रायोगिक (पायलट) परियोजना शुरू की है.  इंदौर में प्रशासन ने भीख मांगने वालों पर प्रतिबंध लगा रखा है.

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भीख मांगने पर बैन

हाल के वर्षों में कई रिपोर्ट्स और कहानियां सामने आई हैं, जिनमें कुछ भिखारियों की “लग्जरी लाइफ” का जिक्र किया गया है। हालांकि यह असामान्य होता है, लेकिन कुछ भिखारी ऐसे भी पाए गए हैं जो भिक्षा मांगकर काफी धन इकट्ठा कर लेते हैं और अपने साधारण दिखने वाले जीवन के पीछे एक आरामदायक या लग्जरी जीवन जीते हैं। आइए समझते हैं कि ऐसी घटनाओं के पीछे क्या कारण हो सकते हैं:

1. भिक्षा से उच्च आय

कुछ भिखारी ऐसी जगहों पर बैठते हैं जहां काफी भीड़भाड़ होती है, जैसे मंदिर, बड़े बाजार, पर्यटक स्थल आदि। इन स्थानों पर लोग धार्मिक कारणों, सहानुभूति, या अपनी समस्याओं के समाधान के लिए दान करते हैं। इस तरह, कुछ भिखारी हर दिन अच्छी खासी रकम कमा लेते हैं, जो उनके मासिक खर्चों से कहीं अधिक होती है।

2. शहरों में बेहतर आय के अवसर

बड़े महानगरों में, जहां लोग ज्यादा व्यस्त रहते हैं और सहानुभूतिपूर्ण होते हैं, भिखारियों के लिए पैसे कमाने के अवसर अधिक होते हैं। कुछ भिखारी खास तौर से त्योहारों के समय में या भीड़-भाड़ वाले इलाकों में अपना धंधा चलाते हैं, जहां लोगों की भावनाओं का फायदा उठाना आसान होता है।

3. धन संचय करने की क्षमता

भिखारियों को आमतौर पर कोई टैक्स या अन्य खर्च नहीं देना होता। न ही उन्हें आय का हिसाब देना पड़ता है। उनके पास नकद पैसा होने की वजह से वे उसे बचा सकते हैं, और कुछ मामलों में यह देखा गया है कि वे संपत्ति या अन्य कीमती चीजों में भी निवेश कर लेते हैं।

4. लग्जरी जीवन जीने वाले भिखारी

कुछ दुर्लभ मामलों में, मीडिया ने ऐसे भिखारियों की कहानियां सामने लाई हैं, जो दिखने में साधारण और गरीब लगते हैं लेकिन असल में उनके पास कार, घर और अन्य सुविधाएं होती हैं। ये लोग अपने भिखारी जीवन का दिखावा करके सहानुभूति बटोरते हैं और अपने धन को छुपाकर रखते हैं। हालांकि, यह हर जगह या हर भिखारी का सच नहीं है, बल्कि कुछ असाधारण उदाहरण हैं।

5. संगठित भिक्षावृत्ति

कुछ जगहों पर भिक्षावृत्ति संगठित रूप में चलती है, जहां एक बड़ा नेटवर्क होता है जो भिखारियों से पैसे इकट्ठा करता है। ऐसे नेटवर्क के तहत काम करने वाले भिखारी कभी-कभी ज्यादा पैसा कमा लेते हैं और उनका जीवन अपेक्षाकृत बेहतर होता है। हालांकि, उनका एक बड़ा हिस्सा इस नेटवर्क के सरगनाओं के पास चला जाता है।

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6. मीडिया रिपोर्ट्स और मिथक

अक्सर, कुछ भिखारियों की अमीर बनने की कहानियां या उनकी लग्जरी लाइफ मीडिया में छाई रहती हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं कि सभी भिखारी ऐसा जीवन जीते हों। अधिकांश भिखारी वास्तव में गरीबी, बेरोजगारी, या अन्य सामाजिक-आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे होते हैं।

निष्कर्ष:

हालांकि कुछ भिखारी लग्जरी लाइफ जीने के मामले सामने आते हैं, यह एक दुर्लभ परिघटना है और अधिकांश भिखारी जीवनयापन के लिए संघर्ष कर रहे होते हैं। समाज को उनकी मदद करने और उन्हें सशक्त बनाने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।