ट्रेनों में महिला यात्रियों की सुरक्षा
ट्रेनों में महिला यात्रियों की सुरक्षा भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत ‘पुलिस’ और ‘सार्वजनिक व्यवस्था’ राज्य के विषय हैं और इस प्रकार, राज्य सरकारें अपनी कानून प्रवर्तन एजेंसियों जैसे सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी)/जिला पुलिस के माध्यम से रेलवे पर अपराध की रोकथाम, पता लगाने, पंजीकरण और जांच तथा कानून और व्यवस्था बनाए रखने आदि के लिए जिम्मेदार हैं। हालांकि, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) यात्री क्षेत्र और यात्रियों की बेहतर सुरक्षा और सुरक्षा प्रदान करने और उससे जुड़े मामलों के लिए जीआरपी/जिला पुलिस के प्रयासों में सहायता करता है।
इसके अलावा, ट्रेनों में महिला यात्रियों सहित यात्रियों की सुरक्षा और सुरक्षा के लिए रेलवे द्वारा जीआरपी के साथ समन्वय में निम्नलिखित कदम उठाए जा रहे हैं:-
संवेदनशील और चिन्हित मार्गों/खंडों पर, प्रतिदिन विभिन्न राज्यों की राजकीय रेलवे पुलिस द्वारा ट्रेनों की सुरक्षा के अलावा रेलवे सुरक्षा बल द्वारा भी ट्रेनों की सुरक्षा की जाती है।
क्षेत्रीय रेलवे को यथासंभव ट्रेन एस्कॉर्ट दलों में पुरुष और महिला आरपीएफ/आरपीएसएफ कर्मियों की उचित संयुक्त संख्या तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं।
‘मेरी सहेली’ पहल के तहत, ट्रेनों में अकेले यात्रा करने वाली महिला यात्रियों की पूरी यात्रा यानी प्रारंभिक स्टेशन से गंतव्य स्टेशन तक सुरक्षा और संरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है।
संकट में फंसे यात्रियों की सुरक्षा संबंधी सहायता के लिए भारतीय रेलवे में रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 (24×7) चालू है।
महिलाओं के लिए आरक्षित डिब्बों में पुरुष यात्रियों के प्रवेश के खिलाफ अभियान चलाए जाते हैं।
विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे ट्विटर, फेसबुक आदि के माध्यम से, रेलवे यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने और उनकी सुरक्षा संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए महिलाओं सहित यात्रियों के साथ नियमित संपर्क में है।
चोरी, छीना-झपटी, नशीले पदार्थों के सेवन आदि के खिलाफ सावधानी बरतने के लिए यात्रियों को शिक्षित करने के लिए सार्वजनिक संबोधन प्रणाली के माध्यम से लगातार घोषणाएं की जाती हैं।
यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए ट्रेनों में 5882 कोचों में सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी रखी जाती है।
कोलकाता मेट्रो के सभी नवनिर्मित इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट (ईएमयू) और वातानुकूलित रेकों के महिला डिब्बों/कोचों में आपातकालीन टॉक बैक सिस्टम और क्लोज्ड सर्किट टेलीविजन निगरानी कैमरे उपलब्ध कराए गए हैं। कुछ क्षेत्रीय रेलवे में ईएमयू रेकों में महिला कोचों में फ्लैशर लाइट भी उपलब्ध कराई गई हैं।
रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था की नियमित निगरानी और समीक्षा के लिए संबंधित पुलिस महानिदेशक/राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के आयुक्त की अध्यक्षता में सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए रेलवे की राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति (एसएलएससीआर) का गठन किया गया है।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में तथा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में गठित विशेषज्ञों की समिति की अनुशंसा के अनुसार, सभी रेलवे स्टेशनों तथा यात्री गाड़ियों में जीवन रक्षक दवाइयां, उपकरण, ऑक्सीजन सिलेंडर आदि से युक्त मेडिकल बॉक्स उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए गए हैं।
चिकित्सा सहित तत्काल सहायता के लिए यात्री रेलमदद पोर्टल पर अथवा हेल्पलाइन नंबर 139 (राष्ट्रीय आपातकालीन नंबर 112 के साथ एकीकृत) के माध्यम से शिकायत कर सकते हैं।
यह जानकारी रेल, संचार तथा इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
Toll free Number(s):
- 139 (Railway Enquiry / For All Public Grievances)
- 138 (Customer helpline number )
- 182 (For All Security Related Issues)
- 1512 (All India Railway Helpline Number, All states – 24X7)
- 1098 ( Lost/Missing Child Help)
- 1323 ( E-Catering/Book Meal)
- 155210 (Anti Corruption Vigilance helpline)
- 1800 11 132 (Another No. For Security Helpline)
- 1800 111 139 (For Suggestions/Grievances Related Services)
- 1800 111 321 (Another No. For Suggestions/Grievances)
ट्रेन में यात्रा के दौरान यात्री द्वारा अपनाए जाने वाले सुरक्षा उपाय ।
1. चलती ट्रेन में चढ़ने अथवा उतरने का प्रयास न करें , यह जानलेवा हो सकता है ।
2. ट्रेन में चढ़ते अथवा उतरते समय हमेशा प्लेटफार्म का उपयोग करे , प्लेटफार्म के विपरित दिशा से चढ़ने अथवा उतरने पर आप दुर्घटना के शिकार हो सकते है ।
3. रेलवे ट्रैक पैदल पार करने से सदा बचें , एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने हेतु हमेशा पैदल उपरी पुल का उपयोग करें और दुर्घटना से बचें ।
4. हमेशा उचित टिकट लेकर ही यात्रा करें और रेलवे नियमों का पालन अवश्य करें ।
5. आरक्षित कोच के साथ – साथ दिव्यांग कोच , लेडीज कोच , गार्ड ब्रेक और पार्सल वैन में अनाधिकृत यात्रा करने से बचें , क्योकिं यह रेल अधिनियम के तहत दण्डनिय अपराध है ।
6. कभी भी ऐसे टिकट पर यात्रा न करें जो अनाधिकृत विक्रेता से खरीदा गया हो क्योंकि यह किसी भी समय रद्द हो सकती है और अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है ।
7. यात्रा के दौरान किसी भी अनजान व्यक्ति से खाने – पीने की कोई भी वस्तु न लें और न ही दे ।
8. ट्रेन से यात्रा के दौरान धूम्रपान और शराब का सेवन न करें ।
9. चलती ट्रेन के पायदान पर खड़े होकर अथवा बैठकर यात्रा न करें , ये जानलेवा हो सकता है , दुर्घटना से बचे , जीवन बहुमूल्य है ।
10. रात के समय में कोच का दरवाजा बंद रखें और स्वंय की सुरक्षा के लिए सजग रहे ।
11. चेन / मोबाइल स्रैचिंग से बचने के लिए विंडो वर्थ के पास यात्रा करते समय सतर्क रहें ।
12. बिना किसी उचित कारण के अलार्म चेन को न खींचे । यह दण्डनीय अपराध है ।
13. यात्रा के दौरान अपने सामान को सुरक्षित रखने हेतु सीट के नीचे उपलब्ध चेन का उपयोग करें ।
14. यात्रा के दौरान ज्वलनशील वस्तुओं को न ले जाए ।
15. यात्रा के दौरान कोच में उपद्रव पैदा न करें , इससे सहयात्रियों को परेशानी होती हैं ।
16. रेलवे आपकी सम्पति है , इसे नुकसान न पहुंचाएं ।
17. यात्रा के दौरान सुरक्षा सहायता प्राप्त करने के लिए सुरक्षा हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 182 का उपयोग करें ।
18. यात्रा के दौरान शिकायत दर्ज करने और सुरक्षा सहायता प्राप्त करने के लिए रेल मदद ऐप का उपयोग करें ।
19. बाल तस्करों से बचने के लिए यात्रा के दौरान अपने परिवार के सदस्यों का ख्याल स्वयं रखें ।
20. ट्रेन में यात्रा के दौरान अपने साथ न्यूनतम अथवा निर्धारित सामान ले कर यात्रा करें ताकि यात्रा सुगम एवं सुखद रहे ।
21. यात्रा के दौरान दरवाजे / पायदान पर खड़े होकर मोबाईल फोन से सेल्फी न ले , इससे दुर्घटना घटित हो सकती है ।