Watch Phir Aayi Hasseen Dillruba: क्राइम सस्पेंस लव स्टोरी’ वेब सीरीज, OTT पर खूब देख रहे लोग

Phir Aayi Hasseen Dillruba फिल्म की समीक्षा: हसीन दिलरुबा को देखकर जेहन में पहली पंक्ति आई कि आखिर आने की क्या जरूरत थी? 2021 में हसीन दिलरुबा ओटीटी पर आई। फिल्म ने रहस्य और रोमांच की एक दुनिया बनाई, जिसमें एक छोटा शहर, एक पल्प फिक्शन लेखक, इश्क, बेवफाई और कत्ल था।

इतने सारे मसालों से फिल्म बनाई गई थी। इस क्राइम थ्रिलर को भी बहुत पसंद किया गया। हसीन दिलरूबा की कहानी काफी पकी हुई थी और कुछ कमियों के बावजूद दर्शकों को बांधकर रखती थी। लेकिन जब हसीन दिलरूबा वापस आई, तो उसमें पहले की तरह रवानगी न थी और न ही मेकर्स में इसे पूरी तरह से विकसित करने की उत्सुकता थी।

‘पंडित जी कहते हैं…’, लेखक दिनेश पंडित कौन हैं? ये तो किसी को नहीं पता, लेकिन उनकी कलम लोगों की जिंदगियां तबाह करने की ताकत रखती है ये तो ‘हसीन दिलरुबा’ देखने के बाद सबको पता चल ही गया होगा। तापसी पन्नू और विक्रांत मैसी की ‘फिर आई हसीन दिलरुबा’ में भी दिनेश पंडित ने कुछ ऐसा ही किया, लेकिन इस नए ट्विस्ट के साथ। अब ये ट्विस्ट अच्छा है या बुरा ये तो ‘फिर आई हसीन दिलरुबा’ का रिव्यू पढ़ने के बाद ही आपको पता चलेगा।

फिल्म की कहानी कुछ ऐसी है।

रानी कश्यप (तापसी पन्नू) और रिशू सक्सेना (विक्रांत मैसी) ज्वालापुर से भागकर प्यार के शहर आगरा में बसते हैं। लेकिन पुलिस के डर से साथ नहीं रह सकते। रिशू बच्चों को पढ़ाने लगता है और रानी विधवा की जिंदगी जीती है। रिशू एक दलाल के साथ डिल करता है और रानी के साथ देश छोड़ने का योजना बनाता है, लेकिन फिर अभिमन्यु (सन्नी कौशल) रानी की जिंदगी में आता है और नई समस्याएं पैदा होती हैं। नील के चाचा (जिमी शेरगिल) की मदद से स्थिति खराब हो जाती है और फिर असली थ्रिल शुरू होता है।

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रेटिंग: 1.5/5 स्टार
डायरेक्टर: जयाप्रद देसाई
कलाकार: तापसी पन्नू, विक्रांत मैसी, जिमी शेरगिल और सनी कौशल
ओटीटी: नेटफ्लिक्स

आप देखते हैं या नहीं?

ये फिल्म सस्पेंस थ्रिलर के प्रेमियों के लिए है। यदि आपने पहले “हसीन दिलरुबा” देखा है, तो फिर से “हसीन दिलरुबा” देखना चाहिए। अगर आपको याद नहीं है, तो पहले “हसीन दिलरुबा” देखें, फिर इसे देखें क्योंकि दोनों कहानी आपस में जुड़ी हुई हैं।

डायलॉग्स इस फिल्म को अलग बनाते हैं, जो इसकी पंचलाइन्स हैं। जब रानी (तापसी) लगता है कि प्यार के खेल में हार गई है, वे कहते हैं, “पता है पंडित जी क्या कहते हैं..।”यह एक डायलॉग पूरी फिल्म को एकजुट करता है और मनोरंजन देता है। लेकिन जब रिशू (विक्रांत) और अभिमन्यु (सन्नी) पंडित जी की जुबानी बोलने लगते हैं, तो मज़ा दोगुना हो जाता है।

बैकग्राउंड संगीत

बैकग्राउंड ध्वनि कुछ कमजोर लगी। फिल्म में सस्पेंस का स्तर और बढ़ जाता अगर अभिमन्यु (सन्नी) हर बार आते थे।

फिर भाई भूमिका दुबे और आलोक

पुरुष कलाकारों की वजह से फिल्म फिर आई हसीन दिलरुबा देखना चाहिए। यद्यपि आदित्य श्रीवास्तव के किरदार को इस बार कम कर दिया गया है, फिल्म में उनका पहला प्रदर्शन होते ही कहानी की नई पटकथा दिलचस्प लगने लगती है। बाद में, वे जिमी शेरगिल को छीन लेते हैं और मोंटू चाचा (हर्षवर्धन राणे) का गैस की गोली खाते हुए अपने भतीजे (हर्षवर्धन राणे) की फोटो अपने पर्स में लेकर घूमना भी कहानी को गर्म करता है।

फिल्म के दूसरे सहायक कलाकारों में भूमिका दुबे ने शानदार अभिनय किया है. वह ‘बारह बाई बारह’ के बाद फिर बड़े परदे पर खिलकर निखरी है। वेब सीरीज “बंबई मेरी जान” में आलोक पांडे ने रहीम के किरदार में शानदार अभिनय किया है, लेकिन इस कद्दावर अभिनेता के किरदार की गहराई बेहतर हो सकती थी।

क्लाइमेट

फिल्म पूरी तरह से अजीब है। जब कहानी लगता है कि खत्म हो गई है, एक नया ट्विस्ट आता है और क्लाइमैक्स में जो सीन दिखाया जाता है, वह हैरान करने वाला।

आखिरकार, सनी ने भी अपनी क्षमता दिखाई

फिल्म फिर आई हसीन दिलरुबा में सनी कौशल ने हर्षवर्धन राणे की कमी को पूरा किया। शुरूआती दृश्यों में तो लगता है कि वे एक छोटे कस्बे के कंपाउंडर के किरदार में अच्छी तरह से नहीं दिखते, लेकिन फिल्म चलते-चलते उनके अभिनय का रंग गहरा होता जाता है। उसकी प्यारी, बैकलेस चोली वाली ‘विधवा’ पर मोहब्बत करने वाला आशिक उसके संग शादी भी कर लेता है, हालांकि वह जानता है कि उसकी प्यारी किसी और पर फिदा है। इस अभिनेता की स्थितिज ऊर्जा अद्भुत है।

कनिका ढिल्लों को फिल्म की अगली कड़ी में इसकी उत्कृष्टता ने शायद थोड़ा शांत बनाया हो। कुल मिलाकर, फिल्म अच्छी हुई है, और इसका मूल हीरो इसकी कहानी है।